कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थवाले होते हैं, उन्हें पर्यायवाची कहते हैं और कुछ विपरीत अर्थवाले भी। समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम, जैसे-
पर्यायवाची –
चंद्रमा- शशि, इंदु, राका।
मधुकर- भ्रमर, भौंरा, मधुप।
सूर्य- रवि, भानु, दिनकर।
विपरीतार्थक-
दिन- रात
श्वेत - श्याम
शीत- उष्ण
पाठ से दोनों प्रकार के शब्दों को खोजकर लिखिए।
‘सूरदास के पद’ पाठ से दोनों प्रकार के कुछ शब्द नीचे दिए जा रहे हैं:
पर्यायवाची शब्द -
दूध- पय, क्षीर, दुग्ध, पीयूष।
पूत- पुत्र, सुत, तनय, आत्मज।
घर- गेह, आलय, निकेतन।
मैया- माता, जननी, माँ, जन्मदात्री।
हरि- प्रभु, परमात्मा, ईश्वर, नारायण।
दिवस- वार, दिन, दिवा।
भुइँ- पृथ्वी, भू, भूमि, जमीन, वसुधा, अवनि।
सखा- मित्र, मीत, सहचर, दोस्त।
अनोखा- अद्भुत, विचित्र, अद्वितीय, अपूर्व, निराला, अनूठा।
सूना- निर्जन, सुनसान।
विलोम शब्द-
मोहिं- तोहिं
लाँबी- छोटी
मोटी- पतली
भुईँ- आसमान
काँचौ- पक्का
चिरजीवौ- क्षणभंगुर
दिवस- रात्रि
खोलि- बंदकर
अनभावत- अतिभावत
हानि- लाभ
अनोखौ- साधारण